चिटगांव शस्त्रागार हमला
कल्पना दत्त सिर्फ 18 वर्ष की थीं जब उन्होंने चिटगांव शस्त्रागार हमले का नेतृत्व किया। उन्हें आजीवन कारावास हुआ लेकिन रवींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी के हस्तक्षेप से सजा कम कर दी गई। 1930 में सूर्य सेन के नेतृत्व में कल्पना दत्त और प्रीतिलता वड्डेदार इस हमले से जुड़ी थीं।
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