राजस्थान की पारंपरिक व्यंजन केर सांगरी को हाल ही में भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला है जो इसकी सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान को दर्शाता है। यह डिश खेजड़ी के पेड़ से मिलने वाली सांगरी की फलियों और केर के पेड़ से प्राप्त बेरों से बनाई जाती है जो थार रेगिस्तान में पाए जाते हैं। केर सांगरी बनाने की प्रक्रिया धीमी होती है जिसमें इन्हें भिगोना, उबालना और दही, लाल मिर्च व मसालों के साथ पकाना शामिल है। इसका स्वाद खट्टा, तीखा और मिट्टी जैसा होता है। यह फाइबर में भरपूर और वसा में कम होती है और आमतौर पर इसे बाजरे की रोटी और घी के साथ खाया जाता है। खेजड़ी का पेड़ विश्नोई समुदाय के लिए पवित्र माना जाता है और यह जीवन व पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है।
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