मुंडा विद्रोह या उल्गुलान का नेतृत्व बिरसा मुंडा ने किया था, जिन्हें धरती आबा के रूप में सम्मान दिया जाता है। यह विद्रोह जमींदारों और ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ था। इस आंदोलन का प्रभाव 1908 के छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम पर पड़ा, जो आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया था। बिरसा मुंडा भारत में आदिवासी संघर्ष और सशक्तिकरण के प्रतीक हैं।
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