दूसरा गोलमेज सम्मेलन सितंबर से दिसंबर 1931 के बीच लंदन में वायसराय लॉर्ड विलिंगडन के शासनकाल में हुआ था। इस सम्मेलन में गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया, जबकि सरोजिनी नायडू भारतीय महिलाओं की प्रतिनिधि थीं। गांधी की इस सम्मेलन में भागीदारी गांधी-इरविन समझौते के कारण संभव हुई, जो 5 मार्च 1931 को हुआ था।
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