राजतरंगिणी उत्तर-पश्चिमी भारतीय उपमहाद्वीप, विशेष रूप से कश्मीर के राजाओं का एक काव्यात्मक पौराणिक और ऐतिहासिक वर्णन है। इसे 12वीं सदी में कश्मीरी इतिहासकार कल्हण ने संस्कृत में लिखा था। बाद के मुस्लिम शासक ज़ैन-उल-अबिदीन के आदेश पर इसका फारसी में अनुवाद किया गया था।
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