एल. एम. सिंहवी समिति
पंचायती राज व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए भारत सरकार ने एल. एम. सिंहवी समिति का गठन किया था। इस समिति ने ग्राम सभा को विकेंद्रीकृत लोकतंत्र की नींव माना और पंचायती राज संस्थाओं को स्वशासन की इकाइयों के रूप में देखा, जो योजना और विकास की प्रक्रिया में जनभागीदारी को बढ़ावा देती हैं। समिति की प्रमुख सिफारिशों में स्थानीय स्वशासन को संविधान में एक नए अध्याय के माध्यम से मान्यता देना, उसका संरक्षण और संवर्धन करना तथा पंचायत चुनावों में राजनीतिक दलों की भागीदारी न होने की बात शामिल थी।
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