भारतीय समाज सुधारक पंडिता रामाबाई ने 1889 में बॉम्बे में 'शारदा सदन' की स्थापना की, जिसका उद्देश्य उच्च जाति की बेसहारा विधवाओं को आश्रय देना था। उन्होंने पुणे में 'मुक्ति मिशन' भी शुरू किया, जो उन युवा विधवाओं के लिए था जिन्हें उनके परिवारों ने छोड़ दिया था या प्रताड़ित किया था। इसके अलावा, उन्होंने 'कृपा सदन' की स्थापना की, जो समाज से बहिष्कृत महिलाओं के लिए एक आश्रय स्थल था।
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