इटाई-इटाई रोग जापान के टोयामा प्रीफेक्चर में 1912 के आसपास शुरू हुई कैडमियम विषाक्तता का एक प्रलेखित मामला था। कैडमियम विषाक्तता के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती थीं और गुर्दे फेल हो जाते थे। यह रोग क्रॉनिक कैडमियम विषाक्तता का सबसे गंभीर रूप है, जो लंबे समय तक कैडमियम के सेवन से होता है। यह टोयामा प्रीफेक्चर के जिन्जू नदी घाटी के कई निवासियों में विकसित हुआ, जो कैडमियम से सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र था। यह प्रदूषण नदी के ऊपरी हिस्से में स्थित एक जिंक खदान से उत्पन्न हुआ था।
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