रंगो बापूजी गुप्ते
रंगो बापूजी गुप्ते सतारा के शासक राजा प्रताप सिंह के पक्ष में दलील देने लंदन गए थे, लेकिन वहां पहुंचने के बाद वे पूरी तरह विद्रोही बन गए। भारत लौटने के बाद वे 1857 के विद्रोह के प्रमुख योजनाकारों में से एक बने।
उन्होंने नानासाहेब पेशवा, अजीमुल्ला खान और तात्या टोपे के साथ मिलकर सतारा, कोल्हापुर, सांगली और बेलगाम में गुप्त रूप से सशस्त्र संगठन तैयार करने शुरू किए, लेकिन उनकी योजना उजागर हो गई। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन वे बच निकले और फिर कभी नहीं मिले। यह महान क्रांतिकारी कब और कहां अंतिम सांस ली, कोई नहीं जानता।
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