करम तमन्ना डोरा, बंडापल्ली के कोया मुत्तादार, ने 1839 से 1848 तक चले पहले राम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया। पांच अन्य मुत्तादारों के समर्थन से उन्होंने 30 लोगों का एक सशस्त्र समूह बनाया और ब्रिटिशों पर कई हमले किए। इतिहासकार डेविड अर्नोल्ड के अनुसार, 1840 में तमन्ना डोरा का सबसे घातक हमला हुआ, जिसमें 12 पुलिसकर्मी मारे गए और 20 घायल हुए। अगले आठ वर्षों तक वह एजेंसी क्षेत्रों में नायक माने गए, जब तक कि 1848 में उनका रहस्यमय तरीके से लापता होना नहीं हुआ।
This Question is Also Available in:
English