हर्ष (लगभग 590–647 ईस्वी), जिन्हें हर्षवर्धन के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी भारत के सम्राट थे। उनकी जीवनी हर्षचरित ("हर्ष के कार्य") संस्कृत कवि बाणभट्ट द्वारा लिखी गई थी, जिसमें थानेसर से उनके संबंध का वर्णन है और रक्षा दीवार, खाई और दो-मंजिला धवलगृह वाले महल का भी उल्लेख है।
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