चैतन्य महाप्रभु भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध भक्त और गौड़ीय वैष्णव परंपरा के संस्थापक थे। उनके जीवन और शिक्षाओं को कृष्णदास कविराज ने एक जीवनी में संकलित किया, जिसका नाम चैतन्य चरितामृत है। यह ग्रंथ उनके जीवन, योगदान और उपदेशों का विस्तृत विवरण देता है, जो कृष्णदास कविराज को इसका लेखक प्रमाणित करता है।
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