पुर्तगालियों को दक्कन में शिवाजी की बढ़ती ताकत और प्रभाव से काफी डर था। वे शिवाजी महाराज के नेतृत्व में मराठा नौसेना के विकास को लेकर भी चिंतित थे। इस कारण उन्होंने शिवाजी महाराज के सभी विरोधियों की सहायता शुरू कर दी और आदिलशाही सल्तनत से संधि करने को कहा। शिवाजी एक सुधारवादी नेता थे जिन्होंने अपने प्रशासन और सैन्य व्यवस्था में कई बदलाव किए। उन्होंने तोपें और गोला-बारूद पुर्तगालियों से प्राप्त किए।
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