स्पिरिट (CH3OH) अत्यधिक वाष्पशील होती है। जब इसे वातावरण में छोड़ा जाता है तो यह तेजी से वाष्पित होकर ठंडक का एहसास कराती है। वाष्पीकरण के दौरान सतह पर मौजूद अणु नीचे की सतह या अन्य अणुओं से गर्मी खींचकर वाष्पीकृत होते हैं।
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