‘कविराजमार्ग’ (जिसका अर्थ है "कवियों के लिए शाही मार्ग") प्रसिद्ध राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष प्रथम द्वारा लिखा गया था, जिन्हें "नृपतुङ्ग" के नाम से भी जाना जाता था। यह कन्नड़ भाषा में अलंकार, काव्यशास्त्र और व्याकरण पर उपलब्ध सबसे प्राचीन लेखन है। इसे लगभग 850 ई. में लिखा गया था।
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