रवींद्रनाथ टैगोर को 1915 में नाइटहुड की उपाधि दी गई थी और वे यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बने। उस समय भारत के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग थे। टैगोर को यह उपाधि साहित्य में उनके योगदान के लिए दी गई थी। उन्होंने 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में यह सम्मान लौटा दिया था।
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