मिलिंदपन्हो ग्रीक राजा मिलिंद और बौद्ध भिक्षु नागसेन के संवाद के रूप में है। यह बौद्ध संत नागसेन और इंडो-ग्रीक राजा मेनांडर प्रथम के बीच हुए संवाद को दर्शाता है, जो सागल से शासन करते थे। बर्मी बौद्ध परंपरा में मिलिंदपन्हो को प्रामाणिक माना जाता है और इसे खुद्दक निकाय के ग्रंथों में शामिल किया गया है।
This Question is Also Available in:
English