'सैला' नृत्य एक प्रकार का डंडा नृत्य है और 'सरगुजा', 'बैतूल' व 'छिंदवाड़ा' जिलों में इसे बहुत पसंद किया जाता है। कुछ क्षेत्रों में इसे 'डंड पटे' या 'डंडा नाच' के नाम से भी जाना जाता है। इस नृत्य में कलाकार आमतौर पर एक पैर पर खड़े होते हैं और अगली कतार के नर्तक का सहारा लेते हैं। फिर सभी एक साथ कूदते और नृत्य करते हैं।
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