हाल ही में भारत सरकार ने हर साल 23 September को आयुर्वेद दिवस मनाने की तय तारीख घोषित की है। पहले यह दिन धनतेरस पर मनाया जाता था जो चंद्र कैलेंडर पर आधारित होने के कारण हर साल बदलता था और इससे आयोजन में कठिनाई होती थी। अब यह बदलाव 23 March 2025 की राजपत्र अधिसूचना के ज़रिए किया गया है ताकि इसे वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके और हर साल एक निश्चित दिन पर मनाया जा सके। आयुर्वेद दिवस का उद्देश्य आयुर्वेद को एक वैज्ञानिक और समग्र स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में बढ़ावा देना है। 23 September को इसलिए चुना गया क्योंकि यह शरद विषुव के दिन पड़ता है जो प्रकृति में संतुलन का प्रतीक है और यह आयुर्वेद के मूल सिद्धांत—मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य—से मेल खाता है।
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