भारत में पहली राष्ट्रीय वन नीति वर्ष 1952 में जारी की गई थी। इस नीति का उद्देश्य वनों का सतत प्रबंधन सुनिश्चित करना था और इसमें वनों के पारिस्थितिकीय, आर्थिक और सामाजिक महत्व को स्वीकार किया गया। यह नीति भारत में वन संरक्षण और प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी जिसमें वनीकरण और वन संसाधनों की सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया।
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