मेघालय में खासी, गारो और जयंतिया जनजातियाँ रहती हैं, जो मुख्य रूप से मातृवंशीय प्रणाली का पालन करती हैं, जहाँ वंश और संपत्ति का उत्तराधिकार महिलाओं के माध्यम से होता है। बच्चे माँ का उपनाम लेते हैं और पुश्तैनी संपत्ति सबसे छोटी बेटी को मिलती है। महिलाओं की पारिवारिक और सामाजिक मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। माँ का भाई बच्चों के जीवन में अहम भूमिका निभाता है। भारत के अन्य राज्यों में मातृवंशीय परंपरा का पालन करने वाली बड़ी जनजातीय आबादी नहीं है।
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