उत्तराखंड पहला भारतीय राज्य है जिसने मदरसा बोर्ड को भंग कर व्यापक अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान अधिनियम लागू किया। राज्य कैबिनेट ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान विधेयक, 2025 को मंजूरी दी। यह विधेयक मदरसा बोर्ड और अल्पसंख्यक संस्थानों से जुड़े नियमों को समाप्त करने का प्रस्ताव करता है और मुस्लिमों के अलावा सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध व पारसी समुदायों को भी MEI का दर्जा देने का उद्देश्य रखता है।
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