104वां संविधान संशोधन अधिनियम
1952 से 2020 के बीच लोकसभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए दो सीटें आरक्षित थीं। इन सदस्यों को भारत के राष्ट्रपति सरकार की सिफारिश पर नामित करते थे। जनवरी 2020 में 104वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के तहत संसद और राज्य विधानमंडलों में एंग्लो-इंडियनों के लिए आरक्षित सीटें समाप्त कर दी गईं।
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