बारहवीं शताब्दी तक वर्तमान बिहार और झारखंड के कई क्षेत्रों में चेरो प्रमुखताएँ उभर चुकी थीं। अकबर के प्रसिद्ध सेनापति राजा मान सिंह ने 1591 में चेरो पर आक्रमण कर उन्हें पराजित किया। उनसे बड़ी मात्रा में लूट ली गई, लेकिन वे पूरी तरह पराजित नहीं हुए। औरंगज़ेब के शासन में मुगल सेना ने चेरो के कई किले जीतकर इस जनजाति को अधीन कर लिया। इस क्षेत्र में मुंडा और संथाल भी अन्य प्रमुख जनजातियाँ थीं, जो ओडिशा और बंगाल में भी निवास करती थीं।
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