बंसलोचन या तबाशीर एक दुर्लभ जैविक पदार्थ है जो मुख्य रूप से बाँस की गांठों से निकलता है। यह पारंपरिक चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें सिलिका होता है और यह शीतल गुणों से भरपूर होता है। माना जाता है कि यह श्वसन, पाचन और मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी होता है और शरीर को ताकत देने वाला टॉनिक भी है। हालांकि इस पर वैज्ञानिक शोध सीमित हैं, फिर भी इसकी दुर्लभता और संभावित औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में इसका विशेष महत्व है।
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