एम.जी. रानाडे
न्यायमूर्ति महादेव गोविंद रानाडे (1842-1901) एक प्रतिष्ठित भारतीय विद्वान, समाज सुधारक और लेखक थे, जिन्हें पश्चिमी भारत के पुनर्जागरण का जनक कहा जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1861 में उन्होंने विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए "विधवा विवाह संघ" की स्थापना की। 1870 में उन्होंने पुणे सार्वजनिक सभा की स्थापना की, जो सरकार के समक्ष जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती थी। वे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले और बाल गंगाधर तिलक के मार्गदर्शक और राजनीतिक गुरु थे। वे जाति प्रथा और अस्पृश्यता के विरोधी थे और विधवा विवाह के प्रबल समर्थक थे।
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