हिंद स्वराज या इंडियन होम रूल महात्मा गांधी ने 1909 में अपनी मातृभाषा गुजराती में लंदन से दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान लिखी थी। 1910 में ब्रिटिश सरकार ने इसे देशद्रोही सामग्री के आधार पर प्रतिबंधित कर दिया था। इस पुस्तक में स्वराज, आधुनिक सभ्यता और मशीनीकरण पर उनके विचार शामिल हैं।
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