बसोहली, कांगड़ा और जम्मू शैली पहाड़ी चित्रकला शैली के अंतर्गत आते हैं। पहाड़ी चित्रकला का अर्थ पर्वतीय क्षेत्र की चित्रकला से है। यह भारतीय चित्रकला का एक व्यापक रूप है, जो मुख्य रूप से लघुचित्रों में बनाई जाती है। इसका उद्भव 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच उत्तरी भारत के हिमालयी पहाड़ी राज्यों में हुआ था। प्रमुख शैलियों में बसोहली, मनकोट, नूरपुर, चंबा, कांगड़ा, गुलर, मंडी और गढ़वाल शामिल हैं। इस कला के महान कलाकारों में नैनसुख प्रमुख थे, जिनका जन्म 18वीं शताब्दी के मध्य में हुआ था। इसके बाद उनकी दो पीढ़ियों ने इस कला को आगे बढ़ाया।
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