काठी सामु आंध्र प्रदेश की प्राचीन युद्ध कलाओं में से एक है, जिसे शाही सेना द्वारा किया जाता था। यह सम्मानित मार्शल आर्ट विभिन्न प्रकार की तलवारों का उपयोग करता है। काठी सामु के प्रशिक्षण स्थल को 'ग्रिड' कहा जाता है। आज यह कला केवल उन परिवारों में शौकिया रूप में प्रचलित है, जिनके पूर्वज राजा की सेना में सैनिक थे। इसे आने वाले वर्षों में आंध्र तट के उत्तर में विजयनगरम और दक्षिण में चित्तूर जिले के कर्वेटिनगरम में स्थापित किया गया। 'वारी' नामक डंडे की लड़ाई काठी सामु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और असली तलवारबाजी से पहले की तैयारी मानी जाती है। इस युद्ध कला में दो योद्धा लंबे और धारदार तलवारों के साथ आमने-सामने होते हैं।
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