जगन्नाथ पंडित ने गंगा की स्तुति में "गंगा लहरी" नामक कविता लिखी, जिसमें 52 संस्कृत श्लोक हैं। वे मुगल सम्राट जहांगीर और शाहजहां के दरबार में कवि, विद्वान और संगीतकार थे। उनके अन्य प्रमुख ग्रंथों में "रस गंगाधरम्" (अलंकार शास्त्र) और "पांच विलास" शामिल हैं।
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