चटगांव शस्त्रागार हमला 18 अप्रैल 1930 को हुआ था। इसका नेतृत्व सुर्या सेन ने किया था। यह अभियान भारतीय रिपब्लिकन आर्मी के सदस्यों द्वारा संचालित किया गया था। उन्हें 16 अप्रैल 1933 को गिरफ्तार किया गया और 12 जनवरी 1934 को फांसी दे दी गई।
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