कुंडी या कुंड राजस्थान के चूरू जैसे रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाने वाली पारंपरिक वर्षा जल संचयन प्रणाली है। इसे शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संचित करने के लिए बनाया जाता है, जहां पानी की कमी होती है और बारिश अनियमित होती है। कुंडी एक गहरा गड्ढा होता है, जो गोल या चौकोर आकार में जमीन के अंदर खोदा या सतह के ऊपर बनाया जाता है। इसे पत्थरों या ईंटों से पक्का किया जाता है ताकि पानी का रिसाव न हो। पानी छतों या नालियों के माध्यम से इसमें एकत्र किया जाता है और इसे ढककर रखा जाता है ताकि दूषित न हो और वाष्पीकरण न हो। जोहड़ (चेक डैम) और टांका (छोटा जल भंडारण) जैसी अन्य पारंपरिक प्रणालियां भी उपयोग में लाई जाती हैं। यह पीने, सिंचाई और घरेलू कार्यों के लिए जल उपलब्ध कराकर भूजल पर निर्भरता कम करता है।
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