भारतेंदु हरिश्चंद्र
भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी साहित्य और हिंदी रंगमंच का जनक माना जाता है। उनका निधन लगभग 132 साल पहले 6 जनवरी 1885 को हुआ था। वे हिंदी के महान लेखकों में से एक थे, जिनकी रचनाओं में भारत की सामाजिक वास्तविकता झलकती थी। उनकी सबसे महत्वपूर्ण कृतियां आम लोगों की दुर्दशा, गरीबी, शोषण, मध्यम वर्ग की बेचैनी और राष्ट्रीय प्रगति की इच्छा से जुड़ी थीं। वे एक प्रभावशाली हिंदू "संरक्षक" थे, जो आधुनिक दुनिया के साथ तालमेल रखते हुए परंपराओं को बनाए रखने का प्रयास कर रहे थे।
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