सितंबर 1920 से अप्रैल 1922
असहयोग आंदोलन की औपचारिक घोषणा 1 अगस्त 1920 को हुई थी, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इसे सितंबर 1920 में कलकत्ता अधिवेशन में स्वीकार किया और दिसंबर 1920 में शुरू किया। गांधीजी ने चौरी-चौरा घटना के कारण फरवरी 1922 में आंदोलन वापस ले लिया, जब एक उग्र भीड़ ने पुलिस थाने में आग लगा दी, जिससे 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
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