तमिलनाडु ने पुलिस जांच में सहायता के लिए सॉफ़्टवेयर लॉन्च किया
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 4 अक्टूबर, 2021 को पुलिस अधिकारियों को उनकी जांच में सहायता करने के लिए चेहरा पहचानने वाला सॉफ्टवेयर (face recognition software) लॉन्च किया।
मुख्य बिंदु
- “फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर” पुलिस कर्मियों को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) में अपलोड किए गए “डेटा संसाधन” के साथ संदिग्धों की तस्वीरों की तुलना करने में मदद करेगा।
- CCTNS की वेबसाइट पर संदिग्धों के 5.30 लाख से ज्यादा फोटो अपलोड किए गए हैं।
- यह सॉफ्टवेयर संदिग्धों, आरोपी व्यक्तियों, लापता व्यक्तियों और अज्ञात लाशों की तुलना CCTNS वेबसाइट पर अपलोड किए गए डेटा से करेगा।
- आरोपी या संदिग्ध से संबंधित डाटा जरूरत के आधार पर स्टेशनों के बीच साझा किया जाएगा।
- यह सॉफ्टवेयर पुलिस कर्मियों को यह जांचने में भी मदद करेगा कि आरोपी व्यक्ति हिस्ट्रीशीटर था या उसके खिलाफ कोई वारंट जारी किया गया है।
सॉफ्टवेयर किस डिवाइस पर काम करेगा?
यह सॉफ्टवेयर पुलिस थानों के कंप्यूटरों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों के स्मार्टफोन में भी इंस्टॉल किया जा सकता है।
क्या यह सॉफ्टवेर सीसीटीवी फुटेज से चेहरों को पहचान पाएगा?
रिपोर्ट के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज के जरिए चेहरों की तुलना करने और उनकी पहचान करने के लिए विभाग ने फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर में सुधार करने की भी योजना बनाई है। इस सुधार से सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल कर लापता या तलाश किए जा रहे लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTN)
CCTN भारत सरकार की एक परियोजना है, जिसे ई-गवर्नेंस के माध्यम से प्रभावी पुलिस व्यवस्था के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली बनाने के लिए शुरू किया गया है। इसमें एक राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली शामिल है, जो भारत में लगभग 14,000 पुलिस स्टेशनों को एकीकृत करती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो इस परियोजना को लागू करने की नोडल एजेंसी है।