वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर 20.1% रही
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून 2021 तक भारत की आर्थिक वृद्धि तिमाही में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।
मुख्य बिंदु
- यह 2020 में एक बहुत ही कमजोर आधार, उपभोक्ता खर्च में पलटाव और कोविड मामलों की दूसरी लहर के बीच बेहतर विनिर्माण को दर्शाता है।
- आंकड़ों के अनुसार, 2020 में इसी तिमाही में 24.4% के संकुचन की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद तीन महीने की अवधि में बढ़कर 20.1% हो गया है।
- 2021-22 की पहली तिमाही में GDP स्थिर कीमत (2011-12) पर 32.38 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2020-21 की पहली तिमाही में यह 26.95 लाख करोड़ रुपये थी।
- तिमाही आंकड़े जारी होने के बाद से यह भारत की सबसे तेज वृद्धि है।
- यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान (21.4%) से थोड़ी धीमी है।
सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product – GDP)
एक अर्थव्यवस्था के भीतर उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का बाजार मूल्य सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है। इसकी गणना दो तरह से की जाती है:
- नाममात्र जीडीपी – मौजूदा बाजार कीमतों पर जीडीपी को नॉमिनल जीडीपी कहा जाता है। जीडीपी की गणना उस वर्ष के बाजार मूल्यों के अनुसार की जाती है जिसके लिए जीडीपी की गणना की जाती है।
- वास्तविक जीडीपी – आधार वर्ष की कीमतों पर जीडीपी को वास्तविक जीडीपी कहा जाता है। इसकी गणना आधार वर्ष में बाजार मूल्य के अनुसार की जाती है। यह वस्तुओं और सेवाओं में मुद्रास्फीति को भी नकारता है।