कैबिनेट ने बिजली सुधार योजना के लिए 3 ट्रिलियन रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 30 जून, 2021 को 3.03 लाख करोड़ रुपये की बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) सुधार योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत केंद्र की हिस्सेदारी लगभग 97,631 करोड़ रुपये होगी।

डिस्कॉम सुधार योजना (DISCOM Reform Scheme)

यह एक सुधार आधारित परिणाम से जुड़ी बिजली वितरण क्षेत्र की योजना है। यह 2025-2026 तक लागू रहेगी। यह केंद्रीय बजट 2021 में घोषित की गयी थी। यह योजना एकीकृत बिजली विकास योजना (Integrated Power Development Scheme) और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (Deen Dayal Upadhyaya Gram Jyoti Yojana) जैसे कार्यक्रमों को शामिल करती है। इस योजना में बिजली फीडर से लेकर उपभोक्ता स्तर तक वितरण क्षेत्र के साथ एक अनिवार्य स्मार्ट मीटरिंग पारिस्थितिकी तंत्र शामिल है। इसमें लगभग 250 मिलियन परिवार शामिल है।

योजना का क्रियान्वयन कौन करेगा?

सरकारी संगठन पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) को इस योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नामित किया गया है।

यह योजना क्यों शुरू की गई?

यह योजना सभी DISCOMs या बिजली विभागों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार के लिए शुरू की गई थी। हालाँकि, इसमें निजी क्षेत्र की DISCOMs शामिल नहीं हैं। आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सशर्त आधार पर उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान की जाएगी।

योजना का उद्देश्य

भारत के औसत कुल तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान को 21.4% के मौजूदा स्तर से 12-15% तक लाने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई थी।  यह बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता और गुणवत्ता भी प्रदान करेगी।

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