रूस ने कुडनकुलम में 5वीं परमाणु ऊर्जा इकाई का निर्माण शुरू किया
रूस ने 29 जून, 2021 को तमिलनाडु के कुडनकुलम (Kudankulam) में पांचवीं परमाणु ऊर्जा इकाई का निर्माण शुरू किया।
मुख्य बिंदु
- यह विकास दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- रोसाटॉम (एक रूसी कंपनी) कुडनकुलम संयंत्र के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी प्रदान कर रही है।
- इस संयंत्र में छह इकाइयां हैं जिनमें से प्रत्येक में 1,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता है।
- यह भारत का पहला लाइट वाटर रिएक्टर होगा।
पृष्ठभूमि
भारत और रूस ने जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (GFA) के तहत एक ही जगह पर परमाणु संयंत्र की दो इकाइयों के निर्माण के लिए बातचीत शुरू की थी। जून, 2017 में पांच और छह इकाइयों के लिए GFA पर हस्ताक्षर किए गए थे। कुडनकुलम संयंत्र की यूनिट एक और दो पहले से ही चालू हैं।
कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP)
यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र भारत की सबसे बड़ी परमाणु शक्ति है। यह तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के कुडनकुलम शहर में स्थित है। इस संयंत्र का निर्माण 31 मार्च, 2002 को शुरू हुआ था। हालांकि, स्थानीय मछुआरों के विरोध के कारण इसे कई देरी का सामना करना पड़ा।
KKNPP के 6 रिएक्टर
KKNPP में छह VVER-1000 रिएक्टर होने वाले हैं। इन सभी रिएक्टरों का निर्माण रूसी राज्य कंपनी और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCI) के सहयोग से किया जा रहा है। इन रिएक्टरों की स्थापित क्षमता 6,000 मेगावाट बिजली है। यूनिट एक को अक्टूबर 2013 में परिचालन और दक्षिणी पावर ग्रिड के साथ सिंक्रनाइज़ किया गया था। यह 1,000 मेगावाट तक बिजली पैदा कर रहा है। यूनिट दो को 29 अगस्त, 2016 को बिजली ग्रिड के साथ सिंक्रोनाइज़ किया गया था। 17 फरवरी, 2016 को यूनिट तीन और चार का उद्घाटन किया गया था। अब, यूनिट पांच और छह का निर्माण शुरू होगा।