जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद गांधीजी ने अपनी पत्रिका “यंग इंडिया” में लिखा, "यह शैतानी सरकार सुधारी नहीं जा सकती, इसे खत्म करना होगा।" बाद में उन्होंने महसूस किया कि खिलाफत आंदोलन हिंदू और मुस्लिमों को एकजुट कर सकता है। 24 नवंबर 1919 को गांधीजी ने दिल्ली में ऑल इंडिया खिलाफत कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की। जून 1920 में खिलाफत कमेटी ने अहिंसा के एजेंडे को अपनाया।
This Question is Also Available in:
English