इस प्रकार पश्चिमी देशों ने चीन पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। चीन को कई आर्थिक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया गया, जो पश्चिमी शक्तियों के नियंत्रण में थे। इसे "चाइनीज तरबूज का विभाजन" कहा जाता है, जिसका अर्थ है चीन के टुकड़े करना। मंचू वंश की विफलता के कारण 1851 से 1864 तक चीन में ताइपिंग विद्रोह हुआ, जिसका नेतृत्व हंग शिउ-चुआन ने किया।
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