आंडिविलाई के लवणाशय, तमिलनाडु
प्रायद्वीपीय भारत में नीले-गाल वाले मधुमक्खी भक्षक का पहला प्रजनन स्थल तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में मणकुडी मैंग्रोव के पास ,आंडिविलाई के लवणाशयों में खोजा गया। यह पक्षी मधुमक्खी भक्षक परिवार (मेरोपिडे) से संबंधित है और पहले भारत में प्रवासी व शीतकालीन आगंतुक माना जाता था। यह प्रजनन के लिए विरल पेड़ों, जैसे बबूल वाले उपोष्णकटिबंधीय अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्रों को पसंद करता है। यह अकेले या छोटे समूहों में घोंसला बनाता है और कभी-कभी यूरोपीय मधुमक्खी भक्षकों के साथ कॉलोनियां साझा करता है। इसका प्रजनन क्षेत्र नील डेल्टा, पाकिस्तान और ईरान तक फैला है, जबकि यह अफ्रीका में सर्दियां बिताता है। यह जल निकायों के पास रेतीले रेगिस्तानों में प्रजनन करता है।
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