असम के बिश्वनाथ जिले में स्थित नागशंकर मंदिर को हाल ही में कछुओं के संरक्षण के लिए एक आदर्श मंदिर के रूप में चुना गया है। यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है और ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 4वीं शताब्दी में नागखा के राजा नरशंकर ने करवाया था और 1480 में अहोम राजा सुसेनफा ने इसका पुनर्निर्माण कराया था। मंदिर परिसर में एक बड़ा तालाब है जिसमें लगभग 250 से 300 कछुए रहते हैं, जिनमें काले सॉफ्टशेल, भारतीय सॉफ्टशेल और मलय सॉफ्टशेल जैसे दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं। माना जाता है कि इनमें से कुछ कछुए सैकड़ों साल पुराने हैं। मंदिर परिसर में मोर, हिरण और अजगर भी पाए जाते हैं जिससे इसकी जैव विविधता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
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