बाल विवाह निरोधक अधिनियम 1929 को सरदा अधिनियम के नाम से भी जाना जाता है। यह अधिनियम 28 सितंबर 1929 को पारित किया गया था। इसके तहत लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 14 वर्ष और लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई थी। बाद में संशोधन के जरिए इसे बढ़ाकर लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष कर दिया गया। इस अधिनियम का नाम इसके प्रस्तोता हरबिलास सरदा के नाम पर रखा गया था।
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