ब्रह्मांड का वैकल्पिक विस्तार और संकुचन
स्पंदनशील ब्रह्मांड सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड विस्तार और संकुचन के एक आत्मनिर्भर चक्र का अनुसरण करता है। यह बताता है कि जब ब्रह्मांड एक निश्चित आकार तक संकुचित हो जाता है तो यह फिर से फैलने लगता है।
This Question is Also Available in:
English