सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक कालिबंगन अपने मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध था। कालिबंगन की विशेषता इसके छह प्रकार के मिट्टी के बर्तन हैं जिन्हें ए, बी, सी, डी, ई और एफ के रूप में चिह्नित किया गया था और बाद में इन्हें उत्तर पश्चिमी भारत के सोथी में भी पहचाना गया। इसे 1953 में इतालवी पुरातत्त्वविद लुइगी पियो टेस्सिटोरी ने खोजा था। यह एक औद्योगिक स्थल था जहां जुताई वाले खेत, अग्निवेदियाँ और दंपत्ति की समाधि के प्रमाण मिले हैं। यहां से मुहरें, चूड़ियाँ, मिट्टी की वस्तुएं, मिट्टी की मूर्तियां, ईंटें, चक्की, पत्थर की गेंदें आदि भी प्राप्त हुई हैं।
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