१३वीं शताब्दी में शारंगदेव ने संगीत रत्नाकर की रचना की। इसमें तुरुष्क तोड़ी ("तुर्की तोड़ी") जैसे नाम हैं, जो इस्लामी संस्कृति से विचारों के प्रभाव को दर्शाते हैं। यह ग्रंथ कर्नाटक और हिंदुस्तानी दोनों परंपराओं में उल्लिखित अंतिम ग्रंथ है और इसे अक्सर इन दोनों के विभाजन का संकेतक माना जाता है।
This Question is Also Available in:
English