रिहला इब्न बतूता द्वारा लिखी गई थी। इस पुस्तक को द ट्रैवल्स के नाम से भी जाना जाता है। यह एक यात्रा वृतांत है जो बतूता की 29 वर्षों की अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया की यात्रा का दस्तावेज है। बतूता ने 120,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की, जिसमें मोरक्को, मिस्र, भारत, चीन और माली जैसे देश शामिल हैं। इस पुस्तक का औपचारिक शीर्षक है "ए मास्टरपीस टू थोज हू कंटेम्प्लेट द वंडर्स ऑफ सिटीज एंड द मार्वल्स ऑफ ट्रैवलिंग"। यह उन स्थानों की संस्कृतियों, समाजों और ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी प्रदान करती है, जहां बतूता गए थे। पुस्तक में शासकों, विद्वानों और साधारण लोगों के साथ उनके संवाद भी शामिल हैं। बतूता की यात्राएं 1304 से 1369 तक चलीं। वह 1349 में तांगीर लौटे। यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज है जो मध्यकालीन विश्व का अनोखा दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
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