K+ आयन सिद्धांत के अनुसार रक्षक कोशिकाएँ प्रकाश संश्लेषण के कारण ATP का उत्पादन करती हैं और आसपास की कोशिकाओं से K+ आयन अवशोषित कर हाइपरटोनिक हो जाती हैं। इससे आसपास की कोशिकाओं से जल का अंतःगमन द्वारा अवशोषण होता है जिससे रक्षक कोशिकाएँ तुर्गिद हो जाती हैं और रंध्र खुल जाता है। प्रकाश की तीव्रता कम होने और प्रकाश संश्लेषण घटने पर रंध्र बंद हो जाता है।
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