भूमध्यसागरीय जलवायु
गर्म और आर्द्र शीत ऋतु भूमध्यसागरीय जलवायु की विशेषता है। ग्रीष्म ऋतु में यहां उपोष्णकटिबंधीय उच्च दबाव प्रणाली का प्रभाव रहता है, जिससे शुष्क वायु सतह के समुद्री स्तर पर मौजूद नमी को दबा देती है और वर्षा असंभव या बहुत कम संभावना वाली हो जाती है, केवल कभी-कभी गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। शीत ऋतु में ध्रुवीय जेट स्ट्रीम और उससे जुड़े चक्रवात निचले अक्षांशों तक पहुंचते हैं, जिससे वर्षा होती है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ गिरती है। इस कारण इस जलवायु वाले क्षेत्रों में लगभग पूरी वर्षा शीत ऋतु में होती है और ग्रीष्म ऋतु में 4 से 6 महीने तक कोई महत्वपूर्ण वर्षा नहीं होती। (विकिपीडिया)
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