मुष्टि युद्ध, जिसे मुक्की बॉक्सिंग भी कहा जाता है, भारत की प्राचीन युद्ध कला है। माना जाता है कि इसका विकास तीसरी शताब्दी ईस्वी में बनारस (वाराणसी) में हुआ था। यह दक्षिण-पूर्व एशिया के किकबॉक्सिंग प्रारूपों, विशेष रूप से मुआय थाई से काफी मिलता-जुलता है। इसमें मुट्ठी और कोहनी का अधिक उपयोग किया जाता है, जबकि किक और घुटने का प्रयोग कम होता है। मुष्टि युद्ध में मुक्कों का अधिक महत्व है। बनारस में मुष्टि युद्ध के टूर्नामेंट नियमित रूप से होते थे, लेकिन बढ़ते विवाद और प्रशंसकों के बीच झगड़ों के कारण इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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